Student ko Thoka in (Hindi)

शाम को मैं आफिस से घर वापस ही आया था के मेरे एक स्टूडेंट का फ़ोन आया, "सर, आप कॉलेज मैं है ?" मैंने कहा नहीं, मैं तो घर पे हूँ ? तो वो बोला के कॉलेज में मेरा लैब का लाइट जल रहा है | तभी मुझे मालूम हुआ के मैंने तो लैब की बतियाँ बुझाना भूल गया हूँ |मैंने तुरंत घर से निकल के कॉलेज की और चल पड़ा | कॉलेज घर के पास ही है | दूर से देखा तो सच में मेरे लैब की बती जल रह थी | कॉलेज गेट पे खड़ा दरवान को पूछा के ऊपर के मोहल्ले का चाबी किसके पास है, तो वो बोला के कॉलेज तो खुला है, बच्चे लाइब्रेरी में पढ़ रहे हैं | साढ़े सात के बाद ही कॉलेज में ताला दीया जाता है | मैंने घडी देखि तो तभी छः ही बजे थे | मैं अपने कमरे के और चल पड़ा | दुसरे मोहल्ले में मेरा कमरा है | निचे के मोहल्ले में लाइब्रेरी है, जहाँ बच्चे पढ़ रहे थे | मैं पहले मोहल्ले में गया तो अँधेरा था | मैंने बती जलाई और दुसरे मोहल्ले में दाखिल हुआ तो पूरा अँधेरा था |

मैं अभी बती जलने ही वाला था के तभी मुझे कुछ आवाजे सुने दी | मैंने अँधेरे में इधर उधर देखा तो उस फ्लोर के आगे अँधेरे में दो लोग सेक्स करते हुए दिखाई दिए | मैं चौंक गया | मैंने बती न जलाते हुए वहां छुप के उनके कारनामे देखने लगा | लड़की निचे सोयी हुयी थी और लड़का उसके ऊपर चढ़ गया था | बस पांच या छह मिनट ही हुए होंगे के उनका काम ख़तम हो गया | काम ख़तम होते ही, लड़का उठा और अपना पतलून पहन के निचे चला गया, और लड़की उठी और अपनी स्कर्ट पहन रही थी के तभी मैंने बती जला दी | मुझे देख के वो घबरा गयी | तीसरी शाल की छात्रा थी बिनीता |पढाई में अवल तो अति थी और अब सेक्स में भी ? मैं खामोश खड़ा था | वो अपने कपडे पहन नहीं पा रही थी | चड्डी और ब्रा पहने वो मेरे सामने कड़ी थी | मैंने कहा तो कॉलेज में ये सब कर रही हो ? तुम्हारे मम्मी पापा को पता है ? वो रोनी सी सूरत लेके निचे की और देख रही थी और में उसके बदन को टटोल रहा था | मम्मे अभी पके नहीं थे, छाती पे सटे हुए थे | बिलकुल निचे नहीं झुके थे, कमर तो पूरा कस्सा हुआ था |उससे देख के मेरे अन्दर कुछ कुछ होने लगा | मैंने उससे कहा अपने कपडे पहन लो और मेरे कमरे में आओ |

मैं अपने कमरे में चला गया | कमरे के बाहर से बिनीता ने आवाज़ लगायी | मैंने अन्दर आने को कहा | अपने पास बिठा के पूछ के कब से ये सब चल रहा है ? 

- अभी कुछ दिन हुए है |
- कौन था वो लड़का ?
- सर, वो हमारे सीनियर महेश भाई थे |

ये प्यार बयार का चक्कर तो नहीं लगता, क्यों के जहां तक मैं महेश को जनता हूँ वो तो हर साल नयी लड़की के साथ घूमता दिखा है | इस वार उसने बिनीता को फसाया है | 

- तुम्हे पता है, महेश कैसा लड़का है ?
- नहीं सर |
- क्या वो तुमसे शादी करे गा ? 
- पता नहीं सर |
- शादी करेगा के नहीं पता नहीं और उसके साथ सेक्स करती हो ? बेब्कुफ़ हो ?
- पता नहीं सर |

लगा जैसे लड़की को सेक्स में मजा अत है | वरना बिना कोई बात जाने उसने अपने आप को चुदवाया कैसे ? मैंने सोचा अगर चुदवाना ही है तो हमसे चुदाओ |

- तो तुम्हे चुदना अच्छा लगता है ?
वो खामोश थी | निचे देख रही थी |
- शादी का इरादा तो नहीं दीखता फिर भी चुदवा रही हो, इसका क्या मतलब निकाले ?
वो फिर भी खामोश थी |

- ठीक है, तुम्हारी जिंदगी है, तुम्हारी मर्जी | किसीसे भी चुदवाओ हमें क्या लेना देना ? लेकिन सावधान रहना, भूलचूक हो गयी तो लेने के देने पड़ जायेंगे | अभी जाओ, और किसीसे न कहना के हमने तुम्हे चुदते हुए देख लिया है | कल शाम को कॉलेज ख़तम होने के बाद हमें यहीं आके मिलना |

वो चली गयी | मैं उठा और अपने लैब का बती बुझाने चला गया | पुरे फ्लोर की बतियाँ बुझाने के बाद अपने कमरे में वापिस आया, और चाबी डाल के निकल ही रहा था के लगा और कोई भी हैं | मैंने बती बुझादी और चुप चाप इंतज़ार करता रहा |थोड़ी देर बाद और दो लड़के लड़कियां ऊपर आई और सेक्स करने लगी | यही कुछ पांच मिनट में ही सब ख़तम करके गायब | फिर एक और लड़की पकड़ी गयी | वो भी दूसरी साल की छात्रा निर्मला थी | मैं कॉलेज से बहार आ गया, पर सोच रहा था के छात्रों को हुआ क्या है ?

दुसरे दिन कॉलेज मैं ब्यस्त रहा और टाइम का पता नहीं चला, शाम होते होते, बिनीता अई और बोली सर अपने बुलाया था, तो तब मुझे कल शाम की बात याद आई, मैंने कहा, छह बजे के बाद मेरे कमरे में आके मिलो | मैं कॉलेज से घर चला गया और फ्रेश हो कर फिर कॉलेज निकल पड़ा | अपने कमरे में जा के बैठ के इंतज़ार कर रहा था | जाड का महिना था इसीलिए अँधेरा हो चूका था |निचे लाइब्रेरी में चहल पहल हो रही थी | तभी बिनीता आई |
मैंने अपने कमरे के दरवाज़ा बंद कर दिया और बोला, कल जो कुछ कर रही थी, तुझे मजा आया ? वो चुप थी ? मैंने कहा, चार पांच मिनट में क्या मजा आएगा ? करना है तो अछे से करो | कम से कम एक आध घंटा तो हो तो | मैंने उसके हाथों को पकड़ के अपने और खिंचा और उसके मुह पे किस किया, फिर होठों पे किस किया, उसने कुछ नहीं कहा | फिर मैंने उसके कपड़ो के ऊपर से ही उसके मम्मो को दबाया और चूमा, और फिर उसके कपडे उतार दिए, और ब्रा के ऊपर से ही दूध को चूमने और चूसने लगा, उसने आँखें बंद कर ली, मैंने ब्रा उतार दिया, और उसके दूध से सफेद मम्मो को देख देखके चूसा, और निप्पल को दांतों से चबाया, वो मस्ती हो रही थी, मैं चूस रहा था, और ताभिमैने उसके चूत पे हात रखा, और उसे दबाया फिर ऊँगली की तो देखा वो पानी पानी हो चुकी थी, मैंने उसे अपने टेबल पे लिटा दिया और उसके panty को उतार दिया और चूत को चूमने व चूसने लगा | वो अपना सर इधर उधर कर रही थी, और मैं उसके चूत का पानी को अपने जुवान से चाट रहा था | थोड़ी देर बाद उसके चूत में फवार आने लगा तो मैंने अपना pant निचे किया और टेबल के ड्रावर से कंडोम निकल के पहन ली और फिर उसके चूत के पास लुंड रख के धक्का दिया, चूत इतनी गीली हो चुकी थी के एक धक्के में ही लंड अन्दर चलगया, और फिर मैं उसे चोदने लगा, धीरे धीरे करते करते मैंने अपनी गति बधाई, वो चिल्ला उठी लेकिन मैंने उसके मुह में अपना हाथ रख दिया, और जोर जोर से छोड़ने लगा |

मैं टेबल के साइड में खड़े हो के आराम से चोद रहा था और मेरा लंड उसके पेट में अन्दर तक जा रही थी और उसे भी मजा आरा हा था | उसे चोद चोद के इतना कर दिया के उसके चूत से पानी निकलना चालू हो गया | इतना सारा पानी के मेरे टेबल के ऊपर भी पानी पानी हो गया, लेकिन मैं नहीं रुका, मैंने उससे जमके चोदा |वो सांस नहीं ले पा रही थी और मैं उसको चोद ते हुए उसके मम्मो को दबाता और मसलता था, तो और भी मस्त हो गयी,| मैंने उसे पेट के बल टेबल के ऊपर रहने को कहा और पीछे से उसके चूत में लंड डाल दिया |और फिर धक्का देने लगा, एकतो जवान लड़की और दूसरी टाइट चूत और मम्मे, मैं तो मस्त था, मैंने जमके चोदा, फिर वो, आह आह की आवाज़े निकाल ने लगी और मैंने भी स्पीड बाधा दी, और जोर जोर से चोदा तो वो बोली, सर बस कीजिये, मेरे पैरों में दर्द होने लगा है, मैंने उसे उठाया और टेबल पे लिटा दिया और उसके टांगों को अपने कन्धों पे रखते हुए उसके चूत के सामने से चोदा, और वोह बोली नहीं सर मैं और नहीं ले पाउंगी, प्लीज मुझे छोड़ दीजिये, मैंने कहा चल ठीक है, बस और दो मिनट सह ले, और मैंने चोदा, जबरदस्त |फिर मैंने अपना पानी छोड़ दिया | वो थक चुकी थी, मैं भी थक चूका था | 

सेक्स के बाद जब मेरा लंड सिकुड़ सा गया तो मैंने उसे उसके चूत से बहार निकाला और पेपर में कंडोम को अछे से पैक कर लिया, बिनीता ने अपने नैपकिन से चूत साफ किया और कपडे पहन के वहीँ कड़ी रही | मैंने पूछा कैसा लगा ? वो हसने लगी और बोली सर अपने तो मेरी जान ही निकल दी | मैंने कहा सेक्स करना हो तो ऐसे करो | वरना आज कल के लौंडे चार पांच मिनट में क्या मजे दे सकते है ? मैंने पूछा कब फिर ओगी ? वो हसके बोली आप जब भी बुलाएँगे सर, जरूर आ जाउंगी | उसे अपने और खिंच के एक जबरदस्त किस लिया और जाने के लिए कह दिया |

कैसा था मेरा स्टोरी ? मुझे ईमेल करना : odiaguy@yahoo.in

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