यह कहानी किसी दूसरी वेबसाइट के एक लेख के आधार पे अंग्रेजी से हिंदी में भाषांतर किया गया लेख है | इसके लेखिका अपना परिचय गुप्त रखना चाहती है | कहानी के कुछ घटनाएं पाठक को बिचलित कर सकती है | कृपया यदि आप को यह बिषय सही न लगे तो आगे न पढ़े |
आप भी अपना कहानी हमें भेज सकते है | चुने हुए कहानियां हम अपने वेब ब्लॉग पे जरूर प्रकाशित करेंगे, और लेखक / लेखिका का नाम अबस्य प्रकाशित करेंगे | धन्यबाद |
अब प्रसंग के ऊपर आते है ...
मैं सीमा हूँ | अभी कालेज में पढ़ती हूँ | बी एससी की तीसरी साल की छात्री | यूँ तो मुझे सेक्स में ज्यादा ध्यान रहता है लेकिन घर पे पाबन्दी के चलते मैं किसी लड़के से सेक्स नहीं कर पति हूँ | ये उन दिनों की बात है, जब मैं अपने कालेज के इम्तिहान के लिए पढाई कर रही थी | अप्रेल का महिना था | दिल्ली मैं जितनी गर्मी होती है, वो तो आप लोग जानते ही होगे | कालेज से आते ही मैं अपने कमरे में घुस जाती थी और फिर बहार बिलकुल आना जाना नहीं होता था | एक दिन कालेज में मम्मी का फोन आया के उन्हें तुरंत जयपुर जाना पड़ेगा, वहां हमारे बड़े चाचा रहते है, उनकी तबियत नासाज़ हो गयी थी | तो मम्मी पापा जयपुर के लिए रवाना हो गए, घर की चाबी पडोशी के यहाँ छोड़ दिया | मैं दोपहर बाद घर आया तो जैसे घर काटने को दौड़ता था | सामने बरांडे में हमारा कुत्ता लकी सोया हुआ था, मुझे देख उठ गया | मम्मी ने सारा खाना बना लिया था, मैंने खाना खाया और लकी को खाना दे दिया | फिर अपने कमरे में चलिगायी |
घर में कोई नहीं था, तो लग रहा था जैसे मैं पूरी आज़ाद हूँ | मैंने अपने सरे कपडे खोल दिए और सिर्फ ब्रा और पेंटी पहनकर घर में रहने लगी | वैसे भी गर्मी का महिना था | टिभी देखने के लिए बैठी फिर मूड नहीं हुआ | तब कंप्यूटर चलाया और सेक्स तस्वीरें देखने लगा | तस्वीर देखते ही मन मचल उठा, मैंने भी अपने चूत मैं ऊँगली दाल दी और अन्दर बादः करने लगी | फिर फ्रिज से खीरा ले आई और उसे तेल मैं भिगो के अपने चूत में दाल ने लगी | ओह बता नहीं सकती कितनी खशी महसूस हो रही थी | आधे घंटे तक मैं ऐसी ही करती रही, तभी लकी उस कमरे में आया और मुझे बस देखता रहा | आधे घंटे के बाद मेरे चूत से पानी निकला तो मैं रुक गयी | अब थोडा पढाई करलिया जाये यही सोच के पढाई करने बैठी ही थी के तभी मीनू का फोन आया | मीनू मेरी अछि सहेली है | हम साथ में पढ़ते है | उससे बात करते करते बताया के घर पे कोई नहीं है | तू आजा मिलके पढाई करेंगे | वो भी खुसी से राजी हो गयी |
उसने अपने घर पे बोल् दिया के वो रात के मेरे यहाँ ठहरेगी | उसके आने के बाद हम पढाई के वारे में बातें कम और लडको के वारे में ज्यादा बातें करने लगे | उसने कहा के वोह भी कुवारी है | उसने भी किसी से चुदवाया नहीं | मैंने उसे कहा के मैंने थोड़ीदेर पहले खीरा से अपनी चूत को चुदवाया है, तो वोह भी खुश हो गयी और अगले क्षण हम फिर से खीरा के साथ बीजी हो गए | एक ही खीरा के दोनों सिरों को अपने चूत में दाल के हम अपने अपने चूत को आपस में घिसने लगे | मस्त लग रहा था | उसने मेरे दूध को हाथों से मसला तो मैंने भी वैसे ही किया, बहुत मजा आरहा था | फिर यकायक हम किस करने लग गए | हमारे होठ एक हो गयी और जुबान आपस में टकरायें | बहुत मजा आ रहा था | फिर मैंने उसके छाती पे मुह रखा और उसकी दूध पिने लगी उसने भी वही किया, आधे घंटे बाद हम दोनों झड़ने लगे | रूम में अजीब सा खुसबू फैल रहा था | हमने खीरा को धो के रख दिया, फिर से बाद में काम में लाने के लिए |
हम पढने के लिए बैठे तो मीनू बोली चल हम हमेशा पढ़ते तो है, एक दिन नहीं पढेंगे तो कौनसा पहाड़ टूट पड़ेगा ? उसने मुझे गले लगाया और फिर किस करने लगी, मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था मैंने भी वही किया | हम बिस्तर पर सोये सोये एक दुसरे को किस कर रहे थे दूध पी रहे थे, चूत को ऊँगली से सहला रहे थे | हमारा कुता लकी वही रूम में खड़े खड़े सब देख रहा था | मीनू बोली तू बुरा तो नहीं मानेगी न अगर मैं एक बात बोलू तो ? मैंने कहा नहीं, क्या हे बोल, वो बोली, तेरे कुत्ते का जुबान बहुत लम्बा है, उससे अपनी चूत चात्वाओं क्या ? मैं भी हैरान थी, लेकिन मुझे भी बात बहुत अछि लगी, पर कैसे ? मैंने पुचा ? वो बोली, रशोई से कुछ मीठा ले आ हम अपने चूत पे लगायेंगे और कुत्ते ससे चत्वायेंगे | मैं रशोई में गयी और वहां से फ्रिज में रखिहुयी आइसक्रीम ले आई | मीनू के चूत के ऊपर आइसक्रीम लगते ही वो मस्त हो गयी, एक तो ठण्ड थी, और फिर गुदगुदी | फिर मैंने लकी को पास बुलाया और मीनू की चूत से आइसक्रीम खाने का इशारा किया | लकी बस देख रहा था, कुछ कर नहीं रहा था | फिर मैंने आइसक्रीम अपने चूत पे लगाया और लकी को खिंच के चूत के ऊपर ला रखा | तभी लकी आइसक्रीम को चाटने लगा, ओह क्या लग रहा था | मस्त | फिर मीनू के चूत भी छठा |
हमने एक आधा पॉकेट आइसक्रीम लकी को खिला चुके थे, तभी मीनू बोली मुझे तेरे लकी से चुद्वानी है | मैं हैरान हो गयी, लेकिन यह कैसे सम्ब्हब है | वोह बोली, तू उसे पकडले, मैंने देखती हूँ | उसने लकी को अछे से सहलाया और फिर उसके लैंड को धीरे धीरे सहलाने लगी, तो हम देखते ही देखते उसका लैंड लम्बा होने लगा | फिर मीनू ने लकी के लैंड के ऊपर आइसक्रीम लगाया और चूमने लगी, मुझे अजीब लग रहा था | पर फिर भी मैं खुस थी | धीरे धीरे लकी का लैंड बहुत बड़ा हो चूका था, फिर मीनू निचे सो गयी और लकी को खिंच के उसका लैंड मैंने मीनू के चूत के ऊपर छोड़ दिया, तो देखा लकी भी मजे से धक्के देने लगा है | फिर लकी का धक्का जोरदार होने लगा, और मीनू चीखने और चिल्लाने लगी | क्या समा था मैं तो दांग थी | थोड़े ही देर में मीनू बुराहाल हो ने लगी और उसकी चूत से पानी निकलने लगा, तोमैने अपने चूत को खोल दिया और लकी को अपने ऊपर ले आई | फिर लकी मुझे चोदने लगा | क्या मस्ती थी | उसका लैंड जितना अन्दर जाता था उतना ही मोटा होता था, मैंने याद किया था के कुत्ते सेक्स के बाद आपस में उलझ जाते है | कहीं मेरे साथ भी वैसा न हो, पर लकी जबरदस्त ठुकाई कर रहा था, और मैं औश कर रहीथी | मीनू मेरे मुह के पास आके किस करने लगी, ये सब इतनी अजीब थी के मैं झड़ने लगी | मेरे चूत से फवारे निकलने लगे | मैंने लकी को अपने से अलग किया देखा उसका लैंड बहुत बड़ा और लम्बा हो चूका था | मिनुने उसके लैंड को हाथों में लेके मुठी मरना सुरु करदिया और लकी के लैंड से लम्बा धार दार पानी निकलने लगा | लकी थक गया था और वो बहार चला गया |
मीनू और मैं बाथरूम में चले गए और एक दुसरे को अछे से नहला दिया और चूत को भी घिस घिस के साफ करदिया | बहते पानी के निचे हम फिर किस करने लगे और दूध को मसलने लगे | हम बहुत खुश थे | नहाने के बाद मम्मी का फोन आया, वो लोग जयपुर के रस्ते पे थे | उन्होंने बताया के राखी मौसी का लड़का राकेश को बुलालो अगर अकेले डर लगता है ओत ? मैंने मना कर दिया और कह दिया के मीनू आई है , हम मिलके पढाई करेंगे | अगले तिन् दिन तक मिनुऔर मैं दिन रात लकी को चोद ते रहे |
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अब प्रसंग के ऊपर आते है ...
मैं सीमा हूँ | अभी कालेज में पढ़ती हूँ | बी एससी की तीसरी साल की छात्री | यूँ तो मुझे सेक्स में ज्यादा ध्यान रहता है लेकिन घर पे पाबन्दी के चलते मैं किसी लड़के से सेक्स नहीं कर पति हूँ | ये उन दिनों की बात है, जब मैं अपने कालेज के इम्तिहान के लिए पढाई कर रही थी | अप्रेल का महिना था | दिल्ली मैं जितनी गर्मी होती है, वो तो आप लोग जानते ही होगे | कालेज से आते ही मैं अपने कमरे में घुस जाती थी और फिर बहार बिलकुल आना जाना नहीं होता था | एक दिन कालेज में मम्मी का फोन आया के उन्हें तुरंत जयपुर जाना पड़ेगा, वहां हमारे बड़े चाचा रहते है, उनकी तबियत नासाज़ हो गयी थी | तो मम्मी पापा जयपुर के लिए रवाना हो गए, घर की चाबी पडोशी के यहाँ छोड़ दिया | मैं दोपहर बाद घर आया तो जैसे घर काटने को दौड़ता था | सामने बरांडे में हमारा कुत्ता लकी सोया हुआ था, मुझे देख उठ गया | मम्मी ने सारा खाना बना लिया था, मैंने खाना खाया और लकी को खाना दे दिया | फिर अपने कमरे में चलिगायी |
घर में कोई नहीं था, तो लग रहा था जैसे मैं पूरी आज़ाद हूँ | मैंने अपने सरे कपडे खोल दिए और सिर्फ ब्रा और पेंटी पहनकर घर में रहने लगी | वैसे भी गर्मी का महिना था | टिभी देखने के लिए बैठी फिर मूड नहीं हुआ | तब कंप्यूटर चलाया और सेक्स तस्वीरें देखने लगा | तस्वीर देखते ही मन मचल उठा, मैंने भी अपने चूत मैं ऊँगली दाल दी और अन्दर बादः करने लगी | फिर फ्रिज से खीरा ले आई और उसे तेल मैं भिगो के अपने चूत में दाल ने लगी | ओह बता नहीं सकती कितनी खशी महसूस हो रही थी | आधे घंटे तक मैं ऐसी ही करती रही, तभी लकी उस कमरे में आया और मुझे बस देखता रहा | आधे घंटे के बाद मेरे चूत से पानी निकला तो मैं रुक गयी | अब थोडा पढाई करलिया जाये यही सोच के पढाई करने बैठी ही थी के तभी मीनू का फोन आया | मीनू मेरी अछि सहेली है | हम साथ में पढ़ते है | उससे बात करते करते बताया के घर पे कोई नहीं है | तू आजा मिलके पढाई करेंगे | वो भी खुसी से राजी हो गयी |
उसने अपने घर पे बोल् दिया के वो रात के मेरे यहाँ ठहरेगी | उसके आने के बाद हम पढाई के वारे में बातें कम और लडको के वारे में ज्यादा बातें करने लगे | उसने कहा के वोह भी कुवारी है | उसने भी किसी से चुदवाया नहीं | मैंने उसे कहा के मैंने थोड़ीदेर पहले खीरा से अपनी चूत को चुदवाया है, तो वोह भी खुश हो गयी और अगले क्षण हम फिर से खीरा के साथ बीजी हो गए | एक ही खीरा के दोनों सिरों को अपने चूत में दाल के हम अपने अपने चूत को आपस में घिसने लगे | मस्त लग रहा था | उसने मेरे दूध को हाथों से मसला तो मैंने भी वैसे ही किया, बहुत मजा आरहा था | फिर यकायक हम किस करने लग गए | हमारे होठ एक हो गयी और जुबान आपस में टकरायें | बहुत मजा आ रहा था | फिर मैंने उसके छाती पे मुह रखा और उसकी दूध पिने लगी उसने भी वही किया, आधे घंटे बाद हम दोनों झड़ने लगे | रूम में अजीब सा खुसबू फैल रहा था | हमने खीरा को धो के रख दिया, फिर से बाद में काम में लाने के लिए |
हम पढने के लिए बैठे तो मीनू बोली चल हम हमेशा पढ़ते तो है, एक दिन नहीं पढेंगे तो कौनसा पहाड़ टूट पड़ेगा ? उसने मुझे गले लगाया और फिर किस करने लगी, मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था मैंने भी वही किया | हम बिस्तर पर सोये सोये एक दुसरे को किस कर रहे थे दूध पी रहे थे, चूत को ऊँगली से सहला रहे थे | हमारा कुता लकी वही रूम में खड़े खड़े सब देख रहा था | मीनू बोली तू बुरा तो नहीं मानेगी न अगर मैं एक बात बोलू तो ? मैंने कहा नहीं, क्या हे बोल, वो बोली, तेरे कुत्ते का जुबान बहुत लम्बा है, उससे अपनी चूत चात्वाओं क्या ? मैं भी हैरान थी, लेकिन मुझे भी बात बहुत अछि लगी, पर कैसे ? मैंने पुचा ? वो बोली, रशोई से कुछ मीठा ले आ हम अपने चूत पे लगायेंगे और कुत्ते ससे चत्वायेंगे | मैं रशोई में गयी और वहां से फ्रिज में रखिहुयी आइसक्रीम ले आई | मीनू के चूत के ऊपर आइसक्रीम लगते ही वो मस्त हो गयी, एक तो ठण्ड थी, और फिर गुदगुदी | फिर मैंने लकी को पास बुलाया और मीनू की चूत से आइसक्रीम खाने का इशारा किया | लकी बस देख रहा था, कुछ कर नहीं रहा था | फिर मैंने आइसक्रीम अपने चूत पे लगाया और लकी को खिंच के चूत के ऊपर ला रखा | तभी लकी आइसक्रीम को चाटने लगा, ओह क्या लग रहा था | मस्त | फिर मीनू के चूत भी छठा |
हमने एक आधा पॉकेट आइसक्रीम लकी को खिला चुके थे, तभी मीनू बोली मुझे तेरे लकी से चुद्वानी है | मैं हैरान हो गयी, लेकिन यह कैसे सम्ब्हब है | वोह बोली, तू उसे पकडले, मैंने देखती हूँ | उसने लकी को अछे से सहलाया और फिर उसके लैंड को धीरे धीरे सहलाने लगी, तो हम देखते ही देखते उसका लैंड लम्बा होने लगा | फिर मीनू ने लकी के लैंड के ऊपर आइसक्रीम लगाया और चूमने लगी, मुझे अजीब लग रहा था | पर फिर भी मैं खुस थी | धीरे धीरे लकी का लैंड बहुत बड़ा हो चूका था, फिर मीनू निचे सो गयी और लकी को खिंच के उसका लैंड मैंने मीनू के चूत के ऊपर छोड़ दिया, तो देखा लकी भी मजे से धक्के देने लगा है | फिर लकी का धक्का जोरदार होने लगा, और मीनू चीखने और चिल्लाने लगी | क्या समा था मैं तो दांग थी | थोड़े ही देर में मीनू बुराहाल हो ने लगी और उसकी चूत से पानी निकलने लगा, तोमैने अपने चूत को खोल दिया और लकी को अपने ऊपर ले आई | फिर लकी मुझे चोदने लगा | क्या मस्ती थी | उसका लैंड जितना अन्दर जाता था उतना ही मोटा होता था, मैंने याद किया था के कुत्ते सेक्स के बाद आपस में उलझ जाते है | कहीं मेरे साथ भी वैसा न हो, पर लकी जबरदस्त ठुकाई कर रहा था, और मैं औश कर रहीथी | मीनू मेरे मुह के पास आके किस करने लगी, ये सब इतनी अजीब थी के मैं झड़ने लगी | मेरे चूत से फवारे निकलने लगे | मैंने लकी को अपने से अलग किया देखा उसका लैंड बहुत बड़ा और लम्बा हो चूका था | मिनुने उसके लैंड को हाथों में लेके मुठी मरना सुरु करदिया और लकी के लैंड से लम्बा धार दार पानी निकलने लगा | लकी थक गया था और वो बहार चला गया |
मीनू और मैं बाथरूम में चले गए और एक दुसरे को अछे से नहला दिया और चूत को भी घिस घिस के साफ करदिया | बहते पानी के निचे हम फिर किस करने लगे और दूध को मसलने लगे | हम बहुत खुश थे | नहाने के बाद मम्मी का फोन आया, वो लोग जयपुर के रस्ते पे थे | उन्होंने बताया के राखी मौसी का लड़का राकेश को बुलालो अगर अकेले डर लगता है ओत ? मैंने मना कर दिया और कह दिया के मीनू आई है , हम मिलके पढाई करेंगे | अगले तिन् दिन तक मिनुऔर मैं दिन रात लकी को चोद ते रहे |
Ek bar kutte se chudai kr li fir bhosdi 24 hrs kutte ke lund ke liye bhukhi rahne lagi
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