बारिश के दिन और पडोश की भाभी

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 सुबह से बारिश हो रही थी और थम ने का नाम भी नही ले रही थी | मैं अपने कमरे मे बैठा बैठा आफ़िस फ़ोन कर रहा था और सब को बता रहा था के वो सब अपने अपने काम ठीक से करें | दिन के दश बजे थे, और घर मे मे अकेले बैठे बैठे अपने लप्टप मे मुबी देख रहा था | ठंडी के दीनो मे पर्ण मुबी देखने का मज़ा ही कुछ और होता है | इसीलिए बैठ के पर्ण मुबी देख रहा था | मेरे घर के बगल मे एक और फेमिली रहती है | घर मे दो बचे और उनकी मा रहती है | उनके पिता आर्मी मे है | इसीलिए ज़्यादातर आते जाते नही है | सुबह ही बचो मो स्कूल भेज देने के बाद पडोश की भाभि घर के कामकाज मे ब्यासत हो जाती है | देखने मे बहुत सुंदर है |

मैने अपना कम्प्युटर मे ब्लू फिल्म चला रखथा और आवाज़ भी ज़ोर की दे दी थी | हमारे घरों के बीच एक दिबार है और उसमे एक दरवाजा | मैं दरवाजे के पास गया और च्छेद मे से दूसरी तरफ देखने लगा और मूठ मारना सुरू कर दिया | पडोश  की भाभि घर के अंदर इधर उधर चल रही थी | थोड़ी देर बाद मेरा लौडे से पानी निकल गया तो मैने आवाज़ धीमी करदी फिर भी दरवाजे के पास जा करा देखने लगा | वो भी दरवाजे के पास आकर खड्डि हो गयी थी | मुझे लगा वो भी सेक्स के लिए तडप रही है |

कुछ देर बाद मेने साहस किया और भाभी के घर का दरवाजा खत खाटाया | वो दरवाजे पे आई तो मैने कहा, मेरी तबीयत थोड़ी खराब लग रही है, क्या आप मेरे लिए एक कप चाय बना सकती है ? वो तुरंत ही राज़ी हो गयी | थोड़ी देर बाद वो चाय लेके मेरे कमरे मे आई | फिर तबीयत देखने के बहाने उसने मेरे सिर को छुआ और बोली बुखार तो नही है | मैने कहा अंदर है सयद | बाहर से पता नही चल रहा है | मैं चाय पीते पीते पूछा के बचे स्कूल चले गये ? वो हाँ बोली, फिर मैने कहा आप अकेली घर मे क्या करती है ? वो बोली कुच्छ नही | मैने फिर पूछा भाइसाहाब कभी क्भार ही आते है, तो आप को बुरा नही लग्ता ? वो कुछ नही बोली, मैने फिर पूछा, मान तो बहुत करता होगा के वो पास हो और ... मैं रुक गया | वो मुस्कुरकर बोली, आर्मी मे है, छुटि नही मिलती है| मैने कहा, जो भी हो, हमारे मान की और टन की कुछ चाहते है, वो तो पूरा करना चाहिए, वरना शादी का क्या फयडा ? वो कुछ नही बोली | चाय ख़तम हो गया था, वो उठ के जाने वाली थी मैने उनका हाथ पकड़ लिया और बोला, आज मौसम बहुत बढ़िया है, मे अकेला हूँ आप अकेली है ? मेरा घर भी खाळि और आपका घर भी खालि है, क्या इरादे है आप बताइये ? वो मुडि और मुझसे चिपक गये |

मैने उन्हे अपने से दूर किया, बाहर जाके दरवाजा बंद किया फिर अंदर आके उनसे चिपक गया, हम ने किस करली | मैने उनका कपड़े उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया| वो बहुत खूबसूरत थी | मैने उनके माममे अपने मूह मे भर्लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा, वो आह आह की आवाज़ निकल रहित थी | फिर एक उंगली उनके चूत मे डाल दी | वो शिहर उठी | फिर मैने उंगली से ही उनको चोदन सुरू किया, उपर मैने उनके मम्मो को चूस रहा था | वो मस्त हो रही थी | थोडि देर बाद उनके चूत से पानी निकलना सुरू हुआ तो मैने उन्हे बिस्तर पे लेता दी और अपना लॅंड उनके अंदर डालने लगा, थोड़ी मसकट के बाद लॅंड आराम से अंदर चला गया | मैने उनकी जमकर चुदाई की | वो छिला रही थी, चीख रही थी | वो जितना ज़ोर ज़ोर से छिला रही थी मैं उतनी ही ज़ोर ज़ोर उन्हे चोद रहाथा | फिर उन्होने मुझे कस मे पकड़' लिया और उनके बदन मे कपकपि सुरू हो गयी, मैने छोड़ना बंद नही किया | ऐसे हीं थोड़ी देर मे उनका चूतड़ पानीपानि हो गया, और मेरा लॅंड मस्ती से अंदर बाहर होने लगा | उनका आरगास्म हो गया था, अब मेरी बरी थी, मैने बी ज़ोर लगाया और जबरदस्त ढके देने लगा | और लॅंड को बाहर खींच लिया और अपना सारा पानी उनके बदन के उपर डाल दिया |

आधे घंटे मे सुबह का सुस्ती गायब हो गया था | वो तयार हो के अपने घर को जाने के लिए निकल पडिथि | मैने उन्हे रोका भी नही |

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